खलेगा बहुत राहत-ए-दौर का चले जाना अब हर किसी के ब | हिंदी शायरी

"खलेगा बहुत राहत-ए-दौर का चले जाना अब हर किसी के बस की बात नहीं इंदौरी होना।। आएगा नहीं अब यूं कोई इस दहर में अफ़सोस, शब्दों को अपनी मिल्कियत बनाने वाला खलेगा बहुत राहत-ए-दौर का चले जाना।। Rajan Pandey dev लफ्ज़माला"

 खलेगा बहुत राहत-ए-दौर का चले जाना
 अब हर किसी के बस की बात नहीं इंदौरी होना।।
 आएगा नहीं अब यूं कोई इस दहर में अफ़सोस,
 शब्दों को अपनी मिल्कियत बनाने वाला
 खलेगा बहुत राहत-ए-दौर का चले जाना।।

Rajan Pandey dev 
लफ्ज़माला

खलेगा बहुत राहत-ए-दौर का चले जाना अब हर किसी के बस की बात नहीं इंदौरी होना।। आएगा नहीं अब यूं कोई इस दहर में अफ़सोस, शब्दों को अपनी मिल्कियत बनाने वाला खलेगा बहुत राहत-ए-दौर का चले जाना।। Rajan Pandey dev लफ्ज़माला

#पोएट्री #कविता #sayari

#RIPRahatIndori

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