वही हैं तेरे नयन-नक्श बगावत वाली और वही दांतो तले | हिंदी शायरी
"वही हैं तेरे नयन-नक्श बगावत वाली
और वही दांतो तले पान और होंठो पे गाली
बोली उसकी धन्नो जैसी और चाल मलिका शैराबत वाली
अभी तो तुमने सुर्ख लाल होंठ देखे हैं उसके
अभी देखि ही नहीं उसकी नज़रे कयामत वाली"
वही हैं तेरे नयन-नक्श बगावत वाली
और वही दांतो तले पान और होंठो पे गाली
बोली उसकी धन्नो जैसी और चाल मलिका शैराबत वाली
अभी तो तुमने सुर्ख लाल होंठ देखे हैं उसके
अभी देखि ही नहीं उसकी नज़रे कयामत वाली