जो बात मुझे जग ज़ाहिर नहीं करनी थीं वो भी मेरी जुब | हिंदी कविता Video

"जो बात मुझे जग ज़ाहिर नहीं करनी थीं वो भी मेरी जुबा पर न जाने कैसे आकर बैठ जाती हैँ क्या करु सच्चाई उगले बिना मै कभी चुप नहीं रह सकता.... क्या आप ईसे मेरी कमज़ोरी समझोगे या बहादुरी? ©Arora PR "

जो बात मुझे जग ज़ाहिर नहीं करनी थीं वो भी मेरी जुबा पर न जाने कैसे आकर बैठ जाती हैँ क्या करु सच्चाई उगले बिना मै कभी चुप नहीं रह सकता.... क्या आप ईसे मेरी कमज़ोरी समझोगे या बहादुरी? ©Arora PR

कमज़ोरी या बहादुरी

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