Blue Moon कोई कह दे तो कह दे..कि मुस्काने से मिला
इस बार भी ये दर्द ..ख़ुद को समझाने से मिला
यूँ तो तोड़ आया था .रीति-रिवाजों की बंदिशे
वो शख्स भी ज़माने की तरह.बहाने से मिला
कहीं उतरता है. तो कहीं चढ़ जाता है रंग
हथेली पे ये नाम तो.मेहंदी को मिटाने से मिला
धरती और आसमान भी मिलते होते होंगे कहीं
ये कैसा चाँद है जो..अमावस के आने से मिला
हक़ीक़त मे टूट ही जाता है ख्वाबों का दर्पण
जिंदगी का ये सबक..ग़ुलाब को पाने से मिला
स्याही भी कलम की अब खत्म होने को जो है
इस कहानी का अंत तो,इल्ज़ाम ख़ुद पे लगाने से मिला
@विकास
©Vikas sharma
#bluemoon कहानी