शब्दों में जूनून की इन्तेहा पंक्ति में राष्ट्रप्रे | हिंदी Shayari Vid

"शब्दों में जूनून की इन्तेहा पंक्ति में राष्ट्रप्रेम की धमकी रखता हूँ पढने वालो की सांसे थम जाए लेखनी में वो खनक रखता हूँ जुबान केशरिया हरियाली वसन शशिश्वेत अंत: करण रखता हूँ चीर दूंगा मस्तक दो टुकड़ो में अंग-अंग में भगत सिंह रखता हूँ ©कुमार विनोद "

शब्दों में जूनून की इन्तेहा पंक्ति में राष्ट्रप्रेम की धमकी रखता हूँ पढने वालो की सांसे थम जाए लेखनी में वो खनक रखता हूँ जुबान केशरिया हरियाली वसन शशिश्वेत अंत: करण रखता हूँ चीर दूंगा मस्तक दो टुकड़ो में अंग-अंग में भगत सिंह रखता हूँ ©कुमार विनोद

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