रिश्तों की दरारें भरना चाहती हूँ मैं कुछ ऐसा कर | हिंदी Poetry

""रिश्तों की दरारें भरना चाहती हूँ मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूँ दुश्मनी से डर नहीं लगता, दोस्तों से डरना चाहती हूँ तुम्हारे होने न होने का मतलब है, जीना चाहती हूँ, मरना चाहती हूँ जिन दिनों सब अपने लगते थे, वापस वही बचपना चाहती हूँ थक गई हूँ मैं दौंडते दौंडते, कुछ वक्त ठहरना चाहती हूँ Preeti uikye 750 03/03/24 ©Gondwana Sherni 750"

 "रिश्तों की दरारें भरना चाहती हूँ 
 मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूँ 

 दुश्मनी से डर नहीं लगता, 
 दोस्तों से डरना चाहती हूँ 

 तुम्हारे होने न होने का मतलब है, 
 जीना चाहती हूँ, मरना चाहती हूँ 

 जिन दिनों सब अपने लगते थे, 
 वापस वही बचपना चाहती हूँ 

 थक गई हूँ मैं दौंडते दौंडते, 
 कुछ वक्त ठहरना चाहती हूँ

Preeti uikye 750
03/03/24

©Gondwana Sherni 750

"रिश्तों की दरारें भरना चाहती हूँ मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूँ दुश्मनी से डर नहीं लगता, दोस्तों से डरना चाहती हूँ तुम्हारे होने न होने का मतलब है, जीना चाहती हूँ, मरना चाहती हूँ जिन दिनों सब अपने लगते थे, वापस वही बचपना चाहती हूँ थक गई हूँ मैं दौंडते दौंडते, कुछ वक्त ठहरना चाहती हूँ Preeti uikye 750 03/03/24 ©Gondwana Sherni 750

#snowpark मैं चाहती हूं

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