पूरा आसमां भरा हुआ था तारों से यहां जमीन से रोशनी | English Poetry

"पूरा आसमां भरा हुआ था तारों से यहां जमीन से रोशनी गायब थी आसमान से चांद भी गायब था, तालाब की संतुष्टता भी गायब थी और तारे भी टूटते हुए देखे,देखते हुए आसमां जिदंगी भी दिख गई कुछ मांग न पाए ए खुदा,यहां जीवन से तो ख्वाहिशें ही गायब थी। -शिवांश शुक्ला ©Shivansh Shukla"

 पूरा आसमां भरा हुआ था तारों से यहां जमीन से रोशनी गायब थी
आसमान से चांद भी  गायब था, तालाब की संतुष्टता भी गायब थी 
और तारे भी टूटते हुए देखे,देखते हुए आसमां जिदंगी भी दिख गई 
कुछ मांग न पाए ए खुदा,यहां जीवन से तो  ख्वाहिशें ही गायब थी।
                                                                  -शिवांश शुक्ला

©Shivansh Shukla

पूरा आसमां भरा हुआ था तारों से यहां जमीन से रोशनी गायब थी आसमान से चांद भी गायब था, तालाब की संतुष्टता भी गायब थी और तारे भी टूटते हुए देखे,देखते हुए आसमां जिदंगी भी दिख गई कुछ मांग न पाए ए खुदा,यहां जीवन से तो ख्वाहिशें ही गायब थी। -शिवांश शुक्ला ©Shivansh Shukla

जीवन
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