आंखों में सपनों का समंदर है महनत के सर बैठा मोकदद | हिंदी Shayari

"आंखों में सपनों का समंदर है महनत के सर बैठा मोकददर है और लोगों को लगता है बहुत खुश हूं मैं चहरे पे मेरे मुस्कराहट है दर्द तो अन्दर है"

 आंखों में सपनों का समंदर है 
महनत के सर बैठा मोकददर है
और लोगों को लगता है बहुत खुश हूं मैं
 चहरे पे मेरे मुस्कराहट है  दर्द तो अन्दर है

आंखों में सपनों का समंदर है महनत के सर बैठा मोकददर है और लोगों को लगता है बहुत खुश हूं मैं चहरे पे मेरे मुस्कराहट है दर्द तो अन्दर है

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