नफरतों के दौर में प्यार का दीप जला था दीप तो न जला | हिंदी शायरी Video

"नफरतों के दौर में प्यार का दीप जला था दीप तो न जला लेकिन खुद की खुशियों की चिता को जला बैठा जब उसकी अदालत में मेरी सुनवाई हुई तो सबूत तो कुछ न मिला मेरे खिलाफ फिर भी ता उम्र का दुख दर्द सजा ए मुलजिम ले बैठा... ©Mr K...(मेरे एहसास मेरी कलम से) "

नफरतों के दौर में प्यार का दीप जला था दीप तो न जला लेकिन खुद की खुशियों की चिता को जला बैठा जब उसकी अदालत में मेरी सुनवाई हुई तो सबूत तो कुछ न मिला मेरे खिलाफ फिर भी ता उम्र का दुख दर्द सजा ए मुलजिम ले बैठा... ©Mr K...(मेरे एहसास मेरी कलम से)

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