धरती कहे पुकार के " नमन करो इस देश की अपनी | हिंदी कविता

""धरती कहे पुकार के " नमन करो इस देश की अपनी माटी को जिसने इतना प्यार दिया जाति को भेद किया ना कभी किसी के रूप का रंग चढ़ाया सभी को अपनी धूप ka ................. नमन करो इस देश की अपनी माटी को जिसने इतना प्यार दिया हर जाति को .......... हर मुस्किल में साथ सभी के होते हैं गले लगाया उनको जो रोते हैं हर देश से अपना नाता है प्यार का नहीं चुनेंगे रस्ता कभी तकरार का खोने नहीं हम देंगे इस ख्याति को नमन करो इस देश की अपनी माटी को ..... नमन करो इस देश की अपनी माटी को जिसने इतना प्यार दिया हर जाति को भेद किया ना कभी किसी के रूप का रंग चढ़ाया सभी को अपनी धूप का .......... जनम दिया हर माँ ने यहाँ वीरो को तोड़ के रख दें जो मुश्किल जंजीरों को दुश्मन को ना पास कभी वो आने दे तोड़ के रख दें दुश्मन की वो छाती को ......... नमन करो इस देश की अपनी माटी को जिसने इतना प्यार दिया हर जाति को जय हिंद.......जय भारत ------------------------------- ©M.K.Gautam"

 "धरती कहे पुकार के "    


नमन करो इस देश की अपनी माटी को 
जिसने इतना प्यार दिया जाति को 
भेद किया ना कभी किसी के रूप का 
रंग चढ़ाया सभी को अपनी धूप ka
.................
नमन करो इस देश की अपनी माटी को 
जिसने इतना प्यार दिया हर जाति को 
..........
हर मुस्किल में साथ सभी के होते हैं 
गले लगाया उनको जो रोते हैं 
हर देश से अपना नाता है प्यार का 
नहीं चुनेंगे रस्ता कभी तकरार का 
खोने नहीं हम देंगे इस ख्याति को 
नमन करो इस देश की अपनी माटी को 
.....
नमन करो इस देश की अपनी माटी को 
जिसने इतना प्यार दिया हर जाति को 
भेद किया ना कभी किसी के रूप का 
रंग चढ़ाया सभी को अपनी धूप का 
..........
जनम दिया हर माँ ने यहाँ वीरो को 
तोड़ के रख दें जो मुश्किल जंजीरों को 
दुश्मन को ना पास कभी वो आने दे 
तोड़ के  रख दें दुश्मन की वो  छाती को 
.........
नमन करो इस देश की अपनी माटी को 
जिसने इतना प्यार  दिया  हर जाति को 
जय हिंद.......जय भारत 
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©M.K.Gautam

"धरती कहे पुकार के " नमन करो इस देश की अपनी माटी को जिसने इतना प्यार दिया जाति को भेद किया ना कभी किसी के रूप का रंग चढ़ाया सभी को अपनी धूप ka ................. नमन करो इस देश की अपनी माटी को जिसने इतना प्यार दिया हर जाति को .......... हर मुस्किल में साथ सभी के होते हैं गले लगाया उनको जो रोते हैं हर देश से अपना नाता है प्यार का नहीं चुनेंगे रस्ता कभी तकरार का खोने नहीं हम देंगे इस ख्याति को नमन करो इस देश की अपनी माटी को ..... नमन करो इस देश की अपनी माटी को जिसने इतना प्यार दिया हर जाति को भेद किया ना कभी किसी के रूप का रंग चढ़ाया सभी को अपनी धूप का .......... जनम दिया हर माँ ने यहाँ वीरो को तोड़ के रख दें जो मुश्किल जंजीरों को दुश्मन को ना पास कभी वो आने दे तोड़ के रख दें दुश्मन की वो छाती को ......... नमन करो इस देश की अपनी माटी को जिसने इतना प्यार दिया हर जाति को जय हिंद.......जय भारत ------------------------------- ©M.K.Gautam

# धरती कहे पुकार के........
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