जिस दिन से चली हूं मेरी मंजिल पे नज़र है, आंखों ने | हिंदी Poetry

"जिस दिन से चली हूं मेरी मंजिल पे नज़र है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा । -shailja gupta"

 जिस दिन से चली हूं
मेरी मंजिल पे नज़र है,
आंखों ने कभी मील
का पत्थर नहीं देखा ।

-shailja gupta

जिस दिन से चली हूं मेरी मंजिल पे नज़र है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा । -shailja gupta

#sayri #nojoto

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