बांट दे वो खुशियां जो तेरी मुट्ठियों में कैद है
हथेलियां तो एक दिन खुल ही जाती है
उठे तो उठा किसी की दुआ में अपने हाथ
तेरी दुनियां रेनबसेरा आखिर छूट ही जाती है।
झमेला है दुनियां , दुनियां का तू कोरा पंछी है
जिंदगी को जी लें या खुद कट ही जाती है
ये तेरे,ये मेरे , पर कौन किसका है यहां
मौत आने पर रिश्तायत बट ही जाती है।
✍️हरिओम मीणा