White पल्लव की डायरी
बेनकाब वो होते नही
जो शरारत मुल्क से कर बैठे है
जुर्म और जुर्माने से हम दबे है
कारगर हम कही होते नही
बैठे है वो अपराध की दुनिया मे
मगर उनके कारनामे साबित होते नही है
हुनर पाने में खपा दी जिंदगी
साकार सपने अब होते नही है
गले हमने किसे लगा लिया है
वर्तमान का कोई रोड मेप नही
दो हजार सैतालीस का सपना बेचने निकले है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#SAD जुर्म और जुर्मानों से हम सब दवे है
#nojotohindi