मैं तो खङा हूँ
अपनी बाँहें फैलाए
जो चाहे
गले मिल जाए
प्यार से कोई
जङो में पानी दे जाए
जो ना दे, वो भी
मेरा मीठा फल पाए
नाराज होना
मेरी फितरत में नहीं
सब के साथ एक जैसा हूँ
गिला किसी को है? वो बताए
चल कर नहीं
जा सकता मैं कहीं
कोशिशें मेरी
बेहतरीन कुछ दे जाऊँ
कहनी है एक बात
धरा सूनी हो जाएगी
मुझे बचाओ, लगाओ
तुम अपना फर्ज निभाओ
सुखविंदर मान
#WorldEnvironmentDay