तुम कहती हो तुम्हें मुझसे मोहब्बत है l
अगर है मोहब्बत तो थोड़ी शिद्दत से भी किया करो l
के खयालों में रोज सोता हूं सीने से लग कर तेरे
मेरी जान गर है मोहोब्बत तो कभी ख्यालों से निकल सामने बैठ दो पल रूबरू भी हुआ करो ।
करती हो अगर मुझसे प्यार तो हर पल क्यों बदल जाया करती हो ...
है अगर सच में प्यार तो हर पल मेरी रहा करो
के तुम मेरी गजलो की किताब हो भेजूंगा तुम्हे एक पन्ना हर रोज तुम इसे चुपके चुपके पढ़ा करो ....
©sumit sahil
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