डरते हैं कहीं,
डरते हैं कहीं तेरे इश्क़ में
हम, तौबा बदनाम ना हो जाएं।
दिल तो कहता है भूल के
सब, ख्वाबों में तेरे हम खो जाएं।
मांगी है मुरादों में हमने,बस
एक अरदास मुकम्मल हो जाए ।
इक शाम सिमट बाहों में
तेरी, हम चैन से आकर सो जाएं।
©Anuj Ray
डरते हैं कहीं"