White अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती है
बहरी हुकूमत अंधों को ही काज देती है
जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार
गूंगों को भी लेखनी, अल्फ़ाज़ देती है
मीडिया भी झूठ का स्कूल हो गया
झूठों को बोलने का अंदाज़ देती है
वक्त कभी एक सा रहता नही "इरफान"
मुफलिस को ज़िंदगी भी कभी ताज देती है
©Irfan Saeed
अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती है
बहरी हुकूमत अंधों को ही काज देती है
जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार
गूंगों को भी लेखनी, अल्फ़ाज़ देती है
मीडिया भी झूठ का स्कूल हो गया
झूठों को बोलने का अंदाज़ देती है