Beautiful Moon Night कीचड़ और दलदल दोनो में कीचड़ मिट्टी समाए
एक में फूल खिले तो दूसरे में कोई धंसता ही जाए
बुराई का रूप बड़ा आकर्षक लुभावना होए
और भलाई तो बिना आकर्षण के ही रह जाए
मानव मन चंचल चितवन का रूप दिखाए
शांति जीवन में इनके फिर किस तरह से आए
जग को कभी ना समझ में पीर पराई आए
जो खुद की तकलीफ़ हो तो वही बड़ा नज़र आए
सम्मान खुद ना दे किसी को चाहे ,अपने या पराए
इन्हें तो सिर्फ अपनी खुशामदी ही करवानी आए
मोह माया में फंसे ये अपनी ज़िंदगी को बिताए
दीन दुनिया की समझ भी इन्हें अब कहा से आए।
लालच के भंवर में फंसकर सुकुन पल पल ये गंवाए
फिर भी किसी जरूरतमंद का भला करने से कतराए।
©Sadhna Sarkar
#ankahe_jazbat