White पहुँच ऊँचाई पर
हम देखते जहां
जगमगाती हैं रातें
झिलमिलाता शमां
असंख्य कृत्रिम जुगनुयें
बिछी धरती पटल पर
पर आकाश के तारों ने
नैनो को बाँधा वहाँ
सजते थे ख्वाब कई
टूटते तारों संग जहाँ
चाँद बादल की होती
लुकाछिपी कुछ ऐसे
बचपन की अटखेलियां
करते हों वो बयां जैसे
यादों की बयार
छू निकली ऐसे
मन के शांत तारों को
किसी ने छेड़ा हो जैसे
डूब चुका है ये दिल
झूठे रौशनी तले अंधकार में
अब जिंदा रहने के लिए
पड़ के देखो कभी रात
के अनोखे प्यार में।
©अलका मिश्रा
©alka mishra
#Night