मैं ज़माने की खुशबू छोड़ तेरी इश्क की खुशबू लगाया | हिंदी Shayari

"मैं ज़माने की खुशबू छोड़ तेरी इश्क की खुशबू लगाया करूं तू लाख रूठे मुझसे तुझे चुटकियों में मनाया करूं तू ओझल न हो आंखों से बस यही मिन्नतें करता रहूं मैं ज़माने की खुशबू छोड़ तेरी इश्क की खुशबू लगाया करूं। ©amit sony"

 मैं ज़माने की खुशबू छोड़ तेरी इश्क की खुशबू लगाया करूं
तू लाख रूठे मुझसे तुझे चुटकियों में मनाया करूं 
तू ओझल न हो आंखों से बस यही मिन्नतें करता रहूं
मैं ज़माने की खुशबू छोड़ तेरी इश्क की खुशबू लगाया करूं।

©amit sony

मैं ज़माने की खुशबू छोड़ तेरी इश्क की खुशबू लगाया करूं तू लाख रूठे मुझसे तुझे चुटकियों में मनाया करूं तू ओझल न हो आंखों से बस यही मिन्नतें करता रहूं मैं ज़माने की खुशबू छोड़ तेरी इश्क की खुशबू लगाया करूं। ©amit sony

#Gulaab Babita Kumari @Anupriya @Neeraj Upadhyay 9548637485 @An_se_Anshuman Kamalakanta Jena (KK)

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