बंजर, बस्ती घूमी फिरि मैं मिला ना कोई अपना इस जीवन | हिंदी Video

"बंजर, बस्ती घूमी फिरि मैं मिला ना कोई अपना इस जीवन के सफर में रहा सफर बस अपना लोग मिले मेरे क्रोध से मिले ना मेरे शीतल मन से जिसने जैसा चाहा मुझको उसने वैसा समझा मुझको ©namrata singh"

बंजर, बस्ती घूमी फिरि मैं मिला ना कोई अपना इस जीवन के सफर में रहा सफर बस अपना लोग मिले मेरे क्रोध से मिले ना मेरे शीतल मन से जिसने जैसा चाहा मुझको उसने वैसा समझा मुझको ©namrata singh

#Apocalypse

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