मुस्कुराहटें बड़ी बेवफा होती हैं,
कभी खुशियों की गवाही देती हैं,
तो कभी ग़म को छुपा लेती हैं,
मुस्कुराते हुए चेहरे ने
कई राज छुपाए हैं....
खिलती तबस्सुम के पीछे
क्या ख़बर गम के कितने साए हैं...
एक छोटी सी हंसी ने भी
कितने व्यंग्य जताए हैं..
कटाक्ष भरी हंसी ने तो
आंसुओं के सैलाब लाएं हैं..
डरते हैं फिर भी कितनी बार
थरथराती हुई हंसी क्या रोक पाएं हैं...
मुस्कुराहटें तो बस नकाब है साहेब....
खुशियां वो जो आंखों से बयां होती हैं...
हां मुस्कुराहटें तो बड़ी बेवफा होती हैं....
-सोनम बापना
©vaishali yaduvanshi official
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