हर रोज बताते हो नए बहाने तुम, गुम हो कहां आजकल ना | हिंदी शायरी

"हर रोज बताते हो नए बहाने तुम, गुम हो कहां आजकल ना जाने तुम। एतबार करूं हर बार मैं तुमपे, मुझको समझते हो कितने बचकाने तुम।। ©Prajjwal Singh"

 हर रोज बताते हो नए बहाने तुम, गुम हो कहां आजकल ना जाने तुम।
एतबार करूं हर बार मैं तुमपे, मुझको समझते हो कितने बचकाने तुम।।

©Prajjwal Singh

हर रोज बताते हो नए बहाने तुम, गुम हो कहां आजकल ना जाने तुम। एतबार करूं हर बार मैं तुमपे, मुझको समझते हो कितने बचकाने तुम।। ©Prajjwal Singh

#kps #diary #shayari #message

#apart

People who shared love close

More like this

Trending Topic