#गुमसुम चाहत ।# धुआं धुआं सा छाया आसमान में । जैसे | हिंदी कविता

"#गुमसुम चाहत ।# धुआं धुआं सा छाया आसमान में । जैसे कोई तूफान आने वाला है । धूल भरी तेज हवाओं के साथ , कोई पैगाम आने वाला है । फिर दिल ने कहा जरा सोच , पगली ये उनकी यादों की धुंध तो नही। जो बनके तेरा मेहमान आने वाला है । ©Bharat Lal Soni"

 #गुमसुम चाहत ।#
धुआं धुआं सा छाया आसमान में ।
जैसे कोई तूफान आने वाला है ।
धूल भरी तेज हवाओं के साथ ,
कोई पैगाम आने वाला है । 
फिर दिल ने कहा जरा सोच ,
पगली ये उनकी यादों की धुंध
 तो नही। जो बनके तेरा
 मेहमान आने वाला है ।

©Bharat Lal Soni

#गुमसुम चाहत ।# धुआं धुआं सा छाया आसमान में । जैसे कोई तूफान आने वाला है । धूल भरी तेज हवाओं के साथ , कोई पैगाम आने वाला है । फिर दिल ने कहा जरा सोच , पगली ये उनकी यादों की धुंध तो नही। जो बनके तेरा मेहमान आने वाला है । ©Bharat Lal Soni

#गुमशुम चाहत ।

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