जो तत्क्षण मोहल्ले अली को मधुर मकरंद होता है। खु | हिंदी Poetry

"जो तत्क्षण मोहल्ले अली को मधुर मकरंद होता है। खुल जाता है पट दूजा यदि एक बंद होताहै।। अंधेरे से जो लड़ करके जगत को नई दिशा देदे। वो अद्भुत स्त्रोत प्रेरणा का विवेकानंद होता है।। पलक यादव 'प्रेरणा'"

 जो तत्क्षण मोहल्ले अली को मधुर मकरंद होता है।

 खुल जाता है पट दूजा यदि एक बंद होताहै।।

अंधेरे से जो लड़ करके जगत को नई दिशा देदे।

वो अद्भुत स्त्रोत प्रेरणा का विवेकानंद होता है।।



पलक यादव 'प्रेरणा'

जो तत्क्षण मोहल्ले अली को मधुर मकरंद होता है। खुल जाता है पट दूजा यदि एक बंद होताहै।। अंधेरे से जो लड़ करके जगत को नई दिशा देदे। वो अद्भुत स्त्रोत प्रेरणा का विवेकानंद होता है।। पलक यादव 'प्रेरणा'

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