हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है, वो हर | हिंदी शायरी

"हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता ! (Galib) ©Dr. Arun Kumar"

 हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है,
वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता !
(Galib)

©Dr. Arun Kumar

हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता ! (Galib) ©Dr. Arun Kumar

#Galib

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