White मेरी बे-परवाह रूह को अपनी मंजिल पाना है
मशक़्क़त है रास्तों में मेरे
मगर बुलंद हौसलों से पार हो जाना है
कई तूफान आयेंगे जिंदगी की कश्ती में
इनसे लड़कर किनारे तक जाना है
हर तरफ कशमकश है मजबूरियों की
मुझे फिर भी सुर्ख़-रू को हकीकत बनाना
हो लाख सवाल जवाब
मगर बे-परवाह होकर मंजिल को पाना है
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©writer....Nishu...
#बे-परवाह रूह को मंजिल पाना है