वक्त की रेत से चुराना मुझे बस एक लम्हा था, गुजर गय | हिंदी Shayari

"वक्त की रेत से चुराना मुझे बस एक लम्हा था, गुजर गया वो लम्हा भी, जो कल तक बस मेरा अपना था।। ©Akshita yadav"

 वक्त की रेत से चुराना मुझे बस एक लम्हा था,
गुजर गया वो लम्हा भी, जो कल तक बस मेरा अपना था।।

©Akshita yadav

वक्त की रेत से चुराना मुझे बस एक लम्हा था, गुजर गया वो लम्हा भी, जो कल तक बस मेरा अपना था।। ©Akshita yadav

#lamha

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