मैं हूं ! मुझसे मेरी जिंदगी कब , क्यों और कैसे

" मैं हूं ! मुझसे मेरी जिंदगी कब , क्यों और कैसे सवाल उठाना गलत होगा तक़दीर का धुंधला दिखाई पड़ना हाथों के लकीरें कुछ कहते हैं ये भ्रम रखना क्यों मान लूं मैं हकीकत हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना ..... मुकद्दर ने क्या लिखा है ? तकलीफों का एहसास मेरे साथ रहना अब बहुत रुलाता है किस्मत एक दिन मेरी सांसों को मुझसे रूठ जाना कैसे संभाल पाऊंगी ख़ुद को मैं हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना ..... दर्दों का पिटारा कम नहीं था मेरे पास कुछ खालीपन सा महसूस हो रहा था मुझे शायद उन ख्वाबों का ख्वाब ही रहना सब कुछ अजीब सा लगता है जाने क्यों मेरे लबों पर झूठी मुस्कान लाना अतीत खामोश हो जाता है हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना ..... "

 

मैं हूं ! मुझसे मेरी जिंदगी 
कब , क्यों और कैसे सवाल उठाना गलत होगा 
तक़दीर का धुंधला दिखाई पड़ना 
हाथों के लकीरें कुछ कहते हैं ये भ्रम रखना
क्यों मान लूं मैं हकीकत 
हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना .....

मुकद्दर ने क्या लिखा है ?
तकलीफों का एहसास मेरे साथ रहना 
अब बहुत रुलाता है किस्मत
एक दिन मेरी सांसों को मुझसे रूठ जाना
कैसे संभाल पाऊंगी ख़ुद को मैं
हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना .....

दर्दों का पिटारा कम नहीं था मेरे पास
कुछ खालीपन सा महसूस हो रहा था मुझे
शायद उन ख्वाबों का ख्वाब ही रहना
सब कुछ अजीब सा लगता है जाने क्यों
मेरे लबों पर झूठी मुस्कान लाना 
अतीत खामोश हो जाता है 
हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना .....

मैं हूं ! मुझसे मेरी जिंदगी कब , क्यों और कैसे सवाल उठाना गलत होगा तक़दीर का धुंधला दिखाई पड़ना हाथों के लकीरें कुछ कहते हैं ये भ्रम रखना क्यों मान लूं मैं हकीकत हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना ..... मुकद्दर ने क्या लिखा है ? तकलीफों का एहसास मेरे साथ रहना अब बहुत रुलाता है किस्मत एक दिन मेरी सांसों को मुझसे रूठ जाना कैसे संभाल पाऊंगी ख़ुद को मैं हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना ..... दर्दों का पिटारा कम नहीं था मेरे पास कुछ खालीपन सा महसूस हो रहा था मुझे शायद उन ख्वाबों का ख्वाब ही रहना सब कुछ अजीब सा लगता है जाने क्यों मेरे लबों पर झूठी मुस्कान लाना अतीत खामोश हो जाता है हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना .....



मैं हूं ! मुझसे मेरी जिंदगी
कब , क्यों और कैसे सवाल उठाना गलत होगा
तक़दीर का धुंधला दिखाई पड़ना
हाथों के लकीरें कुछ कहते हैं ये भ्रम रखना
क्यों मान लूं मैं हकीकत
हर वक़्त मेरे आंखों से आंसुओं का जवाब मांगना .....

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