एक जादुई  सफर निकले थे हम एक ऐसे  सफर पे , जहा | हिंदी Vide

" एक जादुई  सफर निकले थे हम एक ऐसे  सफर पे , जहाँ  मुलाकात  होने वाली  थी हिंदुस्तान के गौरव  से | निकले थे हम एक ऐसे  सफर पे, जहाँ  मुलाकात  होने वाली थी  उन किरदारों  से जिनकी बदौलत  रहा हमारा बचपन यादगार | जब दर्शन  हुए  कपिल भाई के , ज़िंदा  हो गए वो सारे चुटकुले जिन्होंने जोड़े  रखा  हिंदुस्तान  की पावन संस्कृति को , अब तो  आरज़ू  है की फिरसे लौटे  हास्य  के बादशाह | जिसे  देखकर  नौ  दो ग्यारह  हो तन्हाई  जैसा क्रूर  तानाशाह | जब रूबरू  हुए  मोटू  पतलू  जैसे नखरीले  बालक से , याद  आ गए  वो सारे किस्से , जिन्हे देखकर खिल उठता  था मायूस  चेहरा | जब जब दिल टूटता  रहा पढ़ाई  के गहरे समंदर  में | जब दीदार  किया हमने हिंदुस्तान  के शोमैन का , याद आ गया वो गुज़रा  ज़माना जब आवारा बनकर लगाई उन्होंने हमारे  दिलों  में जलाई  इश्क़  की आग | जिसकी वजह से आज भी चल रहा  है हिंदुस्तान का सिनेमा  में  सिक्का | फिर जब मुखातिब हुए  हम उस  बदतमीज़ दिल से , जिसकी अदाकारी  के बह्रमास्त्र ने बना लिया  है हिंदुस्तान  को दीवाना | और खुदा  कसम वो  बनेगा फिल्म  जगत का अगला शमशेरा | जब रूबरू  हुए हम हिंदुस्तान के शेर से, याद आया उनका योगदान जिसकी  वजह से है भारत की नारी का सिर उच्चा | और जिसका नाम सुनकर सदैव  रहा पाकिस्तान  का सिर नीचा | याद आया उनका गुरुमंत्र आत्मनिर्भरता  का , जब कोरोना रच  रहा था षड़यंत्र  तबाही का | जब खास मुलाकात  हुई  बापू  , नेताजी  और लौह पुरुष  से | याद किया उनका सर्वोच्च  बलिदान , जिसकी वजह से आज भी है सत्य , भाईचारा, अहिंसा और शौर्य इस देश की पहचान | जब देखी  मैंने भगत  जी की मुस्कराहट , ज्ञात  हुआ की किस  बहादुरी  से क़ुबूल   की उन्होंने अंग्रेज़ो से शहादत | क्यूंकि  हर किसी  में  नहीं होती  ऐसी  आदत, जो ख़ुशी ख़ुशी से सामना  करे  किसी निर्दय शाशक  की आफत | समय  का चक्र  मोड़कर  याद किया हमने भारत का स्वर्णीम  इतिहास  विज्ञान में जब मिले हम अब्दुल दादू  से , जिनके मार्गदर्शन से गाड़ा  है हमने आज चाँद पे तिरंगा | कदम  थिरकने  पे हुए  मजबूर | जब मुखातिब हुए  हम माइकल चाचू से , जिनका अनुसरण  करते करते  हम  हुए थे कभी हसीनाओं  में मशहूर | याद आई वो सुनहरी आवाज़ , जब लिया आशा  ताई  से आशीर्वाद | तब समझ आई वादों की एहमियत , जो सीखा  देती है अजनबियों  को भी प्यार की खूबसूरत  बोली | मंत्रमुक्त  किया   हमे श्रेया दीदी की  आवाज़ ने, जब उन्होंने बताया राधा का भोला दिल | और बरसाए  इश्क़  के बादल, ताकि राब्ता  हो टूटे  दिलो का फिरसे और करे नफरत का मैदान फ़तेह | दिल रख  दिया मैंने सोनू  भैया  का नाम | क्यूंकि उनकी आवाज़ के समक्ष आज के तीस मार खान  भी है बदनाम | दिलजीत पाजी की मासूमियत  देख, चखी  मैंने अपनी  मिट्टी  की खुशबू  | जब बया  किया उन्होंने अपने दिल का हाल, तब समझ आया कि  सच्चे  प्रेम के लिए क्यों होते है बवाल | मन तृप्त  हो गया जब दर्शन हुए क्रिकेट के भगवान के, ऐसा प्रतीत  हुआ एक ही पल में दीदार कर लिया हो हमने १००  शतकों का | जिसकी बदौलत  मिली उन्हें लिटिल  मास्टर  की उपाधि दुनिया में , मज़ा तो तब आया जब चीकू  भैया के साथ अभ्यास की मैंने कवर ड्राइव और फ्लिक  शॉट | पर उसके पश्चात पता  चला  की अभी मिटानी  है अपनी  खामियां, अगर सुनना  है अपना नाम उनकी गलियों में } सीना  हुआ मेरा चौड़ा  गर्व से, जब किया मैंने दो दो हाथ मैरी दी के साथ | कुछ  अपने दाव  से  हुई वो हमारे खेल की मुरीद, तो कुछ उनके अनुभव से लिया हमने ज़िन्दगी में सफल रहने का ज्ञान | जब देखा मैंने १९८३  का शेर, याद किया मैंने वो नटराज  शॉट जिसने जोड़े रखा हिंदुस्तान  की उम्मीदों को, जब दुनिया समझ रही थी हमे नाकारा | कैसे भूलता  मैं इनका वो अविश्वनीय  कैच , जिसने दिया हमे अंग्रेज़ो के खेल में पहला तमगाह | दिल था मेरा सातवे आसमान पे उस वक़्त , जब मुलाकात हुई हमारी उस चीते से जिन्होंने अपने रक्त  से सजाया एथलेटिक्स में भारत का तख़्त | जिसपर अब राज कर रहे नीरज, अनस , पॉल और अबूबकर जैसे कर्मठ  और निष्ठावान भक्त | हर्ष से झूम उठा मन, जब अभ्यास किया मैंने मेस्सी  और रोलांडो के साथ उनका सिग्नेचर  किक तब लगा की जैसे मैंने जीता दिया हो मैनचेस्टर यूनाइटेड को खिताब | उस  हसीन  श्याम  को चार चाँद तब लगे , जब मौका मिला मुझे बादशाह के संग  दर्द ए  डिस्को करने का  | तब समझा मैं की कितने पापड़ बेलने  पड़ते  है सच्चे  प्यार को पाने के लिए , फ़िदा  हो गया  मैं  बेबो  और  माधुरी  जी के सौंदर्य पे इस  क़दर , कि  एक पल के लिए ठान लिया मैंने  की बना  लू मैं  सैफ  जीजू  को एक दिलजला  आशिक़  | और जब भेट  हुई  ग्रीक  गॉड  से हमारी , तब शुक्रियादा  किया  उनका  जब  कृष  बनकर बचाई  थी उन्होंने  मेरी काल  जैसे निशाचर  से जान | और सिखाया  मुझे अदाकारी  के सभी  गुण , जिसकी  वजह  से मैं कन्याओ  में  हूँ   सबसे ज़्यादा  चर्चित  युवक आज कल | जब देखा मैंने परंपरा और अनुशासन की परछाई उनकी आँखों में , मेरी  थी हिम्मत  सिर्फ इतनी सी थी की आशिर्वाद लू  बस इनसे अपने सुखद जीवन के लिए क्यूंकि लग जाएंगे मुझे सात  जन्म इन जैसा कर्मठ  पुरुष बनने के लिए | आखिरी लम्हों  में धन्यवाद  किया  मैंने  रिचर्ड  सर  का , जिन्होंने सरीना  और वीनस  को टेनिस  में चैंपियन बनाकर तोड़ी  भेदभाव  की दीवार | समय कैसे  बीत  गया  इसकी  खबर न लगी हमे , पर उस  सफर  के आनंद  को मैं लफ्ज़ो  में न कर पाउँगा बया | क्यूंकि ये महज़  एक सफर नहीं था ये एक ऐसा एहसास , जो सदैव  रहेगी  ताज़ा मेरे  ज़िन्दगी  के यादगार  लम्हों  में  आखरी  स्वास तक | ©Vibhor Bijoy "

एक जादुई  सफर निकले थे हम एक ऐसे  सफर पे , जहाँ  मुलाकात  होने वाली  थी हिंदुस्तान के गौरव  से | निकले थे हम एक ऐसे  सफर पे, जहाँ  मुलाकात  होने वाली थी  उन किरदारों  से जिनकी बदौलत  रहा हमारा बचपन यादगार | जब दर्शन  हुए  कपिल भाई के , ज़िंदा  हो गए वो सारे चुटकुले जिन्होंने जोड़े  रखा  हिंदुस्तान  की पावन संस्कृति को , अब तो  आरज़ू  है की फिरसे लौटे  हास्य  के बादशाह | जिसे  देखकर  नौ  दो ग्यारह  हो तन्हाई  जैसा क्रूर  तानाशाह | जब रूबरू  हुए  मोटू  पतलू  जैसे नखरीले  बालक से , याद  आ गए  वो सारे किस्से , जिन्हे देखकर खिल उठता  था मायूस  चेहरा | जब जब दिल टूटता  रहा पढ़ाई  के गहरे समंदर  में | जब दीदार  किया हमने हिंदुस्तान  के शोमैन का , याद आ गया वो गुज़रा  ज़माना जब आवारा बनकर लगाई उन्होंने हमारे  दिलों  में जलाई  इश्क़  की आग | जिसकी वजह से आज भी चल रहा  है हिंदुस्तान का सिनेमा  में  सिक्का | फिर जब मुखातिब हुए  हम उस  बदतमीज़ दिल से , जिसकी अदाकारी  के बह्रमास्त्र ने बना लिया  है हिंदुस्तान  को दीवाना | और खुदा  कसम वो  बनेगा फिल्म  जगत का अगला शमशेरा | जब रूबरू  हुए हम हिंदुस्तान के शेर से, याद आया उनका योगदान जिसकी  वजह से है भारत की नारी का सिर उच्चा | और जिसका नाम सुनकर सदैव  रहा पाकिस्तान  का सिर नीचा | याद आया उनका गुरुमंत्र आत्मनिर्भरता  का , जब कोरोना रच  रहा था षड़यंत्र  तबाही का | जब खास मुलाकात  हुई  बापू  , नेताजी  और लौह पुरुष  से | याद किया उनका सर्वोच्च  बलिदान , जिसकी वजह से आज भी है सत्य , भाईचारा, अहिंसा और शौर्य इस देश की पहचान | जब देखी  मैंने भगत  जी की मुस्कराहट , ज्ञात  हुआ की किस  बहादुरी  से क़ुबूल   की उन्होंने अंग्रेज़ो से शहादत | क्यूंकि  हर किसी  में  नहीं होती  ऐसी  आदत, जो ख़ुशी ख़ुशी से सामना  करे  किसी निर्दय शाशक  की आफत | समय  का चक्र  मोड़कर  याद किया हमने भारत का स्वर्णीम  इतिहास  विज्ञान में जब मिले हम अब्दुल दादू  से , जिनके मार्गदर्शन से गाड़ा  है हमने आज चाँद पे तिरंगा | कदम  थिरकने  पे हुए  मजबूर | जब मुखातिब हुए  हम माइकल चाचू से , जिनका अनुसरण  करते करते  हम  हुए थे कभी हसीनाओं  में मशहूर | याद आई वो सुनहरी आवाज़ , जब लिया आशा  ताई  से आशीर्वाद | तब समझ आई वादों की एहमियत , जो सीखा  देती है अजनबियों  को भी प्यार की खूबसूरत  बोली | मंत्रमुक्त  किया   हमे श्रेया दीदी की  आवाज़ ने, जब उन्होंने बताया राधा का भोला दिल | और बरसाए  इश्क़  के बादल, ताकि राब्ता  हो टूटे  दिलो का फिरसे और करे नफरत का मैदान फ़तेह | दिल रख  दिया मैंने सोनू  भैया  का नाम | क्यूंकि उनकी आवाज़ के समक्ष आज के तीस मार खान  भी है बदनाम | दिलजीत पाजी की मासूमियत  देख, चखी  मैंने अपनी  मिट्टी  की खुशबू  | जब बया  किया उन्होंने अपने दिल का हाल, तब समझ आया कि  सच्चे  प्रेम के लिए क्यों होते है बवाल | मन तृप्त  हो गया जब दर्शन हुए क्रिकेट के भगवान के, ऐसा प्रतीत  हुआ एक ही पल में दीदार कर लिया हो हमने १००  शतकों का | जिसकी बदौलत  मिली उन्हें लिटिल  मास्टर  की उपाधि दुनिया में , मज़ा तो तब आया जब चीकू  भैया के साथ अभ्यास की मैंने कवर ड्राइव और फ्लिक  शॉट | पर उसके पश्चात पता  चला  की अभी मिटानी  है अपनी  खामियां, अगर सुनना  है अपना नाम उनकी गलियों में } सीना  हुआ मेरा चौड़ा  गर्व से, जब किया मैंने दो दो हाथ मैरी दी के साथ | कुछ  अपने दाव  से  हुई वो हमारे खेल की मुरीद, तो कुछ उनके अनुभव से लिया हमने ज़िन्दगी में सफल रहने का ज्ञान | जब देखा मैंने १९८३  का शेर, याद किया मैंने वो नटराज  शॉट जिसने जोड़े रखा हिंदुस्तान  की उम्मीदों को, जब दुनिया समझ रही थी हमे नाकारा | कैसे भूलता  मैं इनका वो अविश्वनीय  कैच , जिसने दिया हमे अंग्रेज़ो के खेल में पहला तमगाह | दिल था मेरा सातवे आसमान पे उस वक़्त , जब मुलाकात हुई हमारी उस चीते से जिन्होंने अपने रक्त  से सजाया एथलेटिक्स में भारत का तख़्त | जिसपर अब राज कर रहे नीरज, अनस , पॉल और अबूबकर जैसे कर्मठ  और निष्ठावान भक्त | हर्ष से झूम उठा मन, जब अभ्यास किया मैंने मेस्सी  और रोलांडो के साथ उनका सिग्नेचर  किक तब लगा की जैसे मैंने जीता दिया हो मैनचेस्टर यूनाइटेड को खिताब | उस  हसीन  श्याम  को चार चाँद तब लगे , जब मौका मिला मुझे बादशाह के संग  दर्द ए  डिस्को करने का  | तब समझा मैं की कितने पापड़ बेलने  पड़ते  है सच्चे  प्यार को पाने के लिए , फ़िदा  हो गया  मैं  बेबो  और  माधुरी  जी के सौंदर्य पे इस  क़दर , कि  एक पल के लिए ठान लिया मैंने  की बना  लू मैं  सैफ  जीजू  को एक दिलजला  आशिक़  | और जब भेट  हुई  ग्रीक  गॉड  से हमारी , तब शुक्रियादा  किया  उनका  जब  कृष  बनकर बचाई  थी उन्होंने  मेरी काल  जैसे निशाचर  से जान | और सिखाया  मुझे अदाकारी  के सभी  गुण , जिसकी  वजह  से मैं कन्याओ  में  हूँ   सबसे ज़्यादा  चर्चित  युवक आज कल | जब देखा मैंने परंपरा और अनुशासन की परछाई उनकी आँखों में , मेरी  थी हिम्मत  सिर्फ इतनी सी थी की आशिर्वाद लू  बस इनसे अपने सुखद जीवन के लिए क्यूंकि लग जाएंगे मुझे सात  जन्म इन जैसा कर्मठ  पुरुष बनने के लिए | आखिरी लम्हों  में धन्यवाद  किया  मैंने  रिचर्ड  सर  का , जिन्होंने सरीना  और वीनस  को टेनिस  में चैंपियन बनाकर तोड़ी  भेदभाव  की दीवार | समय कैसे  बीत  गया  इसकी  खबर न लगी हमे , पर उस  सफर  के आनंद  को मैं लफ्ज़ो  में न कर पाउँगा बया | क्यूंकि ये महज़  एक सफर नहीं था ये एक ऐसा एहसास , जो सदैव  रहेगी  ताज़ा मेरे  ज़िन्दगी  के यादगार  लम्हों  में  आखरी  स्वास तक | ©Vibhor Bijoy

Journey of Madame Tussads Noida

People who shared love close

More like this

Trending Topic