इश्क होने देना था उस इश्क थे फूल को खिलने देना थ | हिंदी कविता

"इश्क होने देना था उस इश्क थे फूल को खिलने देना था अगर तुम्हारा दिल मेरे प्यार में तड़प रहा था तो उसे तड़पने देना था अगर मोहब्बत का इजहार करने की तलब थी उसके अंदर तो उसे मोहब्बत का इजहार करने देना था लोग पूछते हैं अगर तुमसे मेरा नाम तो उस नाम को मेरे नाम के साथ जुड़ने देना था"

 इश्क होने  देना था 
उस इश्क थे फूल को खिलने देना था
अगर तुम्हारा दिल मेरे प्यार में तड़प रहा था 
तो उसे तड़पने देना था 
अगर मोहब्बत का इजहार करने की तलब थी उसके अंदर तो उसे मोहब्बत का इजहार करने देना था
लोग पूछते हैं अगर तुमसे मेरा नाम तो
उस नाम को मेरे नाम के साथ जुड़ने देना था

इश्क होने देना था उस इश्क थे फूल को खिलने देना था अगर तुम्हारा दिल मेरे प्यार में तड़प रहा था तो उसे तड़पने देना था अगर मोहब्बत का इजहार करने की तलब थी उसके अंदर तो उसे मोहब्बत का इजहार करने देना था लोग पूछते हैं अगर तुमसे मेरा नाम तो उस नाम को मेरे नाम के साथ जुड़ने देना था

# इश्क होने देना था

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