White तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब
ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१
मै गम ए शनास तेरे अदब मे*अज़ीयत सहती रही
अब मुझमे तेरी*ताजीम की कोई *नीयत भी नहीं है//२
मुझे दर _बदर करने के तुने कई मन्सुबे घड़ तो लिए,
के अब इसमे बची तिरि कुछ हकीकत भी नहीं है//३
तर्के ताल्लुक से मिरी बर्बादी तो तिरे सरपे होगी,तूने
हैरान किया इतना,अब मिल्लत की जरूरत भी नहीं है//४
गर चुप रही तेरे तशद्दूद पे तो मुझे मिरि अना मार देगी,
अब अदल करने मे रत्तीभर तिरि हिम्मत भी नहीं है//५
मेरे एह्बाब् ने विरसे का करके किस्सा तमाम,अब्
मुझे कहते है विरासत मे तिरी कोई शिर्कत भी नहीं है//६
आदत बदल लेगा तु बदसलुकी की,इस आस मे उम्र तमाम की,
तुझमे दिखती *हुस्नेसलूक की वो पहली सी झलक भी नहीं है//७
"शमा"साथ रह्ते हुए,जब हो जाए खत्म,एहसासे कुर्बत,
तो अब मान ही लो के ऐसी कुर्बत मे उल्फत भी नहीं है//८
#shamawritesbebaak
©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
#love_shayari तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१*पास
मै गम ए शनास तेरे अदब मे
*अज़ीयत सहती रही,अब मुझमे तेरी*ताजीम की कोई *नीयत भी नहीं है//२
*कष्ट*सम्मान*मंशा
मुझे दर _बदर करने के तुने कई मन्सुबे घड़ तो लिए,के अब इसमे बची तिरि कुछ हकीकत भी नहीं है//३