अभी तबीयत से तसल्ली कहां हुई है, आंखों को जरा और ठ | हिंदी Poetry Vide

"अभी तबीयत से तसल्ली कहां हुई है, आंखों को जरा और ठहरने दो। जाना ही हो तो फिर रुठ कर जाना, कि बात फिर से हो ये बहाना रहने दो। ये ज़मीं-आसमां ये जहां रख लो तमाम, शायरों के लिऐ तो बस मयखाना रहने दो। रहने दे उसके हिस्से की खुशी उसको "pk" अपने हिस्से में तो बस उसका ताना रहने दो। ©Pkroy "

अभी तबीयत से तसल्ली कहां हुई है, आंखों को जरा और ठहरने दो। जाना ही हो तो फिर रुठ कर जाना, कि बात फिर से हो ये बहाना रहने दो। ये ज़मीं-आसमां ये जहां रख लो तमाम, शायरों के लिऐ तो बस मयखाना रहने दो। रहने दे उसके हिस्से की खुशी उसको "pk" अपने हिस्से में तो बस उसका ताना रहने दो। ©Pkroy

#ghazal #poem #Love #Life #Shayar #Nojoto @PRIYANSHI MITTAL प्रह्लाद परस्तिश IshQपरस्त @Anshu writer @Anupriya

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