जला दो हर बार की तरह इस बार भी
लकड़ियों का गठ्ठल आग में,
देकर नाम फिर से त्योहार का,
फिर से शुरू हो जाएगा कल से वही सिलसिला
दिखावे प्यार का, मतलब व्यवहार का,
जलन अंदर से, बाहर जुबान पे यार का,
दूसरों की बुराई, दो नम्बर व्यापार का,
एक एक ने मिलकर बिगाड़ा है
सुंदरता इस संसार का..!
.
©Himanshu Prajapati
#holikadahan जला दो हर बार की तरह इस बार भी
लकड़ियों का गठ्ठल आग में,
देकर नाम फिर से त्योहार का,
फिर से शुरू हो जाएगा कल से वही सिलसिला
दिखावे प्यार का, मतलब व्यवहार का,
जलन अंदर से, बाहर जुबान पे यार का,
दूसरों की बुराई, दो नम्बर व्यापार का,
एक एक ने मिलकर बिगाड़ा है