नफ़रत की दीवार, कितनी भी मजबूत क्यो ना हो, यदि उस | हिंदी Shayari

"नफ़रत की दीवार, कितनी भी मजबूत क्यो ना हो, यदि उस पर, प्रेम का वृक्ष लगा दिया जाए। तो उसकी जड़ें, दीवार को गिरा देती हैं। © राहुल भास्करे"

 नफ़रत की दीवार,
कितनी भी मजबूत क्यो ना हो,
यदि उस पर,
प्रेम का वृक्ष लगा दिया जाए।
तो उसकी जड़ें,
दीवार को गिरा देती हैं।

© राहुल भास्करे

नफ़रत की दीवार, कितनी भी मजबूत क्यो ना हो, यदि उस पर, प्रेम का वृक्ष लगा दिया जाए। तो उसकी जड़ें, दीवार को गिरा देती हैं। © राहुल भास्करे

नफ़रत की दीवार,
कितनी भी मजबूत क्यो ना हो,
यदि उस पर,
प्रेम का वृक्ष लगा दिया जाए।
तो उसकी जड़ें,
दीवार को गिरा देती हैं।

© राहुल भास्करे

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