देकर दिल छुपाता क्यूँ हैं मिलने को इतना तरसता क्य | हिंदी Poetry

"देकर दिल छुपाता क्यूँ हैं मिलने को इतना तरसता क्यूँ है आँख मे आंसू आता क्यूँ है तू इतना मुस्काता क्यूँ है अगर है मोहब्बत तो बताता क्यूँ नहीं हर रोज़ मुझसे मिलने तू आता क्यूँ नहीं होता दर्द तब मुझे पुकारता क्यूँ नहीं मेरी गोद मे रखकर सर तू सोता क्यूँ नहीं सारी खुशियाँ लाकर रख दूँ तेरे कदमो मे बस वादा कर सात जन्मो तक साथ छोड़ेगा नहीं करता है मुझे मोहब्बत इस बात से कभी मुकरेगा नहीं । ©rekhabaroliya"

 देकर दिल छुपाता क्यूँ हैं 
मिलने को इतना तरसता क्यूँ है 
आँख मे आंसू आता  क्यूँ है 
तू इतना मुस्काता क्यूँ है 
अगर है मोहब्बत तो बताता क्यूँ नहीं 
हर रोज़ मुझसे मिलने तू  आता क्यूँ नहीं 
होता दर्द तब मुझे पुकारता क्यूँ नहीं 
मेरी गोद मे रखकर सर  तू सोता क्यूँ नहीं 
सारी खुशियाँ लाकर रख दूँ तेरे कदमो मे 
बस वादा कर सात जन्मो तक  साथ  छोड़ेगा  नहीं
करता है मुझे मोहब्बत इस बात से कभी  मुकरेगा नहीं ।

©rekhabaroliya

देकर दिल छुपाता क्यूँ हैं मिलने को इतना तरसता क्यूँ है आँख मे आंसू आता क्यूँ है तू इतना मुस्काता क्यूँ है अगर है मोहब्बत तो बताता क्यूँ नहीं हर रोज़ मुझसे मिलने तू आता क्यूँ नहीं होता दर्द तब मुझे पुकारता क्यूँ नहीं मेरी गोद मे रखकर सर तू सोता क्यूँ नहीं सारी खुशियाँ लाकर रख दूँ तेरे कदमो मे बस वादा कर सात जन्मो तक साथ छोड़ेगा नहीं करता है मुझे मोहब्बत इस बात से कभी मुकरेगा नहीं । ©rekhabaroliya

#soulmate

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