नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है। मौसम बदलत | हिंदी शायरी

"नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है। मौसम बदलते ही सर्दी खासी और जुकाम होते है। फिर हंसकर पी जाते है, जहर जुदाई का, इसीलिए हर आशिक दरबदर और बेमुकाम होते है। ©Anand Ji Mayura Ji"

 नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है।
मौसम बदलते ही सर्दी खासी और जुकाम होते है।
फिर हंसकर पी जाते है, जहर जुदाई का,
इसीलिए हर आशिक  दरबदर और बेमुकाम होते है।

©Anand Ji Mayura Ji

नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है। मौसम बदलते ही सर्दी खासी और जुकाम होते है। फिर हंसकर पी जाते है, जहर जुदाई का, इसीलिए हर आशिक दरबदर और बेमुकाम होते है। ©Anand Ji Mayura Ji

प्रेम रंग आनंद के संग

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