White प्यार और धोखा"
हमने देखा है यहीं पर
अक्सर, प्यार ही धोखे में बदलता है।
एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, एक
जमीं पे दूसरा ,कीचड़ में जाके खिलता है ।
पेड़ पर झूलते हुए फलों को देखके ,
उसकी सीरत का ,ये अंदाज कहां मिलता है।
ये तो खाने वाले का मुकद्दर है ,उसको
अमृत की मिठास या कड़वा घूंट मिलता है।
©Anuj Ray
# प्यार और धोखा"