बिछड़ कर तुमसे अब जिया जाए कैसे, यादों में रह,तुम | हिंदी Shayari

"बिछड़ कर तुमसे अब जिया जाए कैसे, यादों में रह,तुम बिन किया जाए कैसे, तड़पती है बांहे तुम्हारे आलिंगन को, लबों को सुर्खपन बुलाती है तुझको, ढल रही है पल पल सालों के जैसे मेरी जां तुम बिन जिया जाए कैसे ©Shubham Rai"

 बिछड़ कर तुमसे अब जिया जाए कैसे,
यादों में रह,तुम बिन किया जाए कैसे,

तड़पती है बांहे तुम्हारे आलिंगन को,
लबों को सुर्खपन बुलाती है तुझको,

ढल रही है पल पल सालों के जैसे
मेरी जां तुम बिन जिया जाए कैसे

©Shubham Rai

बिछड़ कर तुमसे अब जिया जाए कैसे, यादों में रह,तुम बिन किया जाए कैसे, तड़पती है बांहे तुम्हारे आलिंगन को, लबों को सुर्खपन बुलाती है तुझको, ढल रही है पल पल सालों के जैसे मेरी जां तुम बिन जिया जाए कैसे ©Shubham Rai

तुम बिन जिया जाए कैसे

#8LinePoetry

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