"White ❤Gazal ❤
बुलंदी पर गये जब से हमारे भूल जाते हैं,
खड़े मझधार में जब से किनारे भूल जाते हैं |
मिले ठोकर ज़माने से तो इंसाँ टूट जाता क्यों ,
दिया था साथ जिनको भी सहारे भूल जाते हैं |
उदासी रात की देखो कहीं पर चाँद है छिपता,
मुनव्वर हो गये तारे वो तारे भूल जाते हैं |
फ़क़ीरों की सदा सुनकर दिलों में राह दिख जाती ,
फ़क़ीरों की दुआ से दर्द सारे भूल जाते हैं |
मिले जो हार मुझ को तो उसे भी जीत कर देती,
तुम्हें भी अश्क चाहे फिर तुम्हारे भूल जाते हैं |
©Ayesha Aarya Singh
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