मत्तगयंद सवैया स्वार्थी संसार यह स्वार्थ भरा जग ल | हिंदी कविता Video

"मत्तगयंद सवैया स्वार्थी संसार यह स्वार्थ भरा जग लुब्ध सदा,उगते रवि का हँस साथ किया। गुणवान गरीब उपेक्षित हैं ,गुण हीन धनी पर ध्यान दिया।। जब छाँव रही तरु खूब फले, उनके फल का रस खूब पिया। बहु भाँति उठाकर लाभ सदा ,तरु ठूँठ हुए तब काट दिया।। आशा शुक्ला,शाहजहाँपुर, उत्तरप्रदेश"

मत्तगयंद सवैया स्वार्थी संसार यह स्वार्थ भरा जग लुब्ध सदा,उगते रवि का हँस साथ किया। गुणवान गरीब उपेक्षित हैं ,गुण हीन धनी पर ध्यान दिया।। जब छाँव रही तरु खूब फले, उनके फल का रस खूब पिया। बहु भाँति उठाकर लाभ सदा ,तरु ठूँठ हुए तब काट दिया।। आशा शुक्ला,शाहजहाँपुर, उत्तरप्रदेश

,#Hindi poetry
#Mylanguage
#my poetry
#Jitnidafa

People who shared love close

More like this

Trending Topic