हम अब कल्पनाओं में जी रहे हैं
इस बात से हम दोनों परिचित हैं
जिस क्षण कदमों का तालमेल एक होगा
हमारा जीवन यथार्थ हो जायेगा
हमारे निशान जो पड़ेंगे रास्ते में
वो चिन्हित करेंगे एक यथार्थ जीवन
©parveen mati
हम अब कल्पनाओं में जी रहे हैं
इस बात से हम दोनों परिचित हैं
जिस क्षण कदमों का तालमेल एक होगा
हमारा जीवन यथार्थ हो जायेगा
हमारे निशान जो पड़ेंगे रास्ते में
वो चिन्हित करेंगे एक यथार्थ जीवन
प्रवीण माटी