हम हमेशा से मोहब्बत में जुनूं के क़ायल और वो

"हम हमेशा से मोहब्बत में जुनूं के क़ायल और वो माइले-बा इंकार नज़र आते हैं वो जो मसीहा-ए-हुकूमत की ख़िलअत पहने हैं फ़िक्रे-अज़हान से बीमार नज़र आते हैं ख़ुदकश हमले हैं धमाके हैं वहाँ हंगामे सुर्ख़ी-ए-ख़ून में अख़्बार नज़र आते हैं रास्ता कितना कठिन है राह से पूछो राहबर देखने में सभी हमवार नज़र आते हैं मिम्बरों पे भी गुनहगार नज़र आते हैं सब क़यामत के ही आसार नज़र आते हैं उन मसीहाओं से अल्लाह बचाए हमको शक्ल ओ सूरत से जो बीमार नज़र आते हैं जाने क्या टूट गया है कि हर इक रात मुझे ख़्वाब में गुम्बद ओ मीनार नज़र आते हैं मात देते हैं यज़ीदों को लहू से हम ही हम ही नेज़ों पर हर इक बार नज़र आते हैं आँख खोली है फ़सादात में जिन बच्चों ने उनको ख़्वाबों में भी हथियार नज़र आते हैं"

 हम हमेशा से  मोहब्बत में जुनूं  के क़ायल 
और   वो   माइले-बा इंकार   नज़र     आते  हैं

वो जो मसीहा-ए-हुकूमत की ख़िलअत पहने हैं
फ़िक्रे-अज़हान  से   बीमार   नज़र   आते   हैं

ख़ुदकश हमले   हैं   धमाके   हैं   वहाँ  हंगामे
सुर्ख़ी-ए-ख़ून   में    अख़्बार   नज़र   आते   हैं

रास्ता   कितना  कठिन  है राह से पूछो राहबर 
देखने   में   सभी   हमवार  नज़र   आते   हैं

मिम्बरों पे   भी    गुनहगार नज़र आते हैं
सब क़यामत के  ही आसार नज़र आते हैं

उन मसीहाओं से अल्लाह  बचाए हमको 
शक्ल ओ सूरत   से   जो बीमार  नज़र आते हैं

जाने   क्या   टूट   गया है कि हर इक रात मुझे
ख़्वाब   में   गुम्बद ओ मीनार   नज़र  आते  हैं

मात  देते  हैं  यज़ीदों को  लहू   से हम ही
हम ही नेज़ों पर हर इक बार नज़र आते हैं

आँख   खोली   है   फ़सादात   में जिन बच्चों ने
उनको   ख़्वाबों   में   भी हथियार नज़र आते हैं

हम हमेशा से मोहब्बत में जुनूं के क़ायल और वो माइले-बा इंकार नज़र आते हैं वो जो मसीहा-ए-हुकूमत की ख़िलअत पहने हैं फ़िक्रे-अज़हान से बीमार नज़र आते हैं ख़ुदकश हमले हैं धमाके हैं वहाँ हंगामे सुर्ख़ी-ए-ख़ून में अख़्बार नज़र आते हैं रास्ता कितना कठिन है राह से पूछो राहबर देखने में सभी हमवार नज़र आते हैं मिम्बरों पे भी गुनहगार नज़र आते हैं सब क़यामत के ही आसार नज़र आते हैं उन मसीहाओं से अल्लाह बचाए हमको शक्ल ओ सूरत से जो बीमार नज़र आते हैं जाने क्या टूट गया है कि हर इक रात मुझे ख़्वाब में गुम्बद ओ मीनार नज़र आते हैं मात देते हैं यज़ीदों को लहू से हम ही हम ही नेज़ों पर हर इक बार नज़र आते हैं आँख खोली है फ़सादात में जिन बच्चों ने उनको ख़्वाबों में भी हथियार नज़र आते हैं

People who shared love close

More like this

Trending Topic