Meri Mati Mera Desh होली आती रंग लाती
और मस्ती भरी मसखरी
दबी इच्छाएं प्रकट होतीं
बन व्यंग्य की फूलझड़ी
पीने के शौकीन झूमते
इस मद्धम सर्दी रसभरी
फूलों पर गुनगुनाते भौंरे
लगते शबाब पर डालते डोरे
ऐसे मनभावन मौसम में
साठ वाले भी बनें छिछोरे।।
©Mohan Sardarshahari
# Holi ka tyohaar