शिव श्रद्धा भी शिव भक्ति भी
सब भय बंधन से मुक्ति भी
शिव कण कण में हैं रमे हुए
क्षति भी शिव, शिव शक्ति भी
हैं अजर अमर कैलाशी शिव ही
शिव सृष्टि के उत्पत्ति भी
संपत्ति भी शिव, शिव ही प्रगति
शिव नीर नदी के, प्रशस्ति भी
©Writer Madam
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