तुम्हे तुम्हारा मजहब प्यारा है
हमें हमारा मजहब प्यारा है
तुम्हे चांद का इबादत प्यारा है
हमें सुर्य को अरग देना प्यारा है
तुम्हे हाथ फैलाकर दुआ करना प्यारा है
हमें हाथ जोड़कर प्राथना करना प्यारा है
तुम्हे तुम्हारा मजहब प्यारा है
हमें हमारा मजहब प्यारा है
तुम्हे अल्लाह को बिना देखे इबादत करना प्यारा है
हमें 33 करोड़ देवि देवताओं की तस्वीर को अपने घर में रखकर पुजा करना प्यारा है
तुम्हे तुम्हारा मस्जिद प्यारा है
हमें हमारा मंदिर प्यारा है
तुम्हे तुम्हारा मजहब प्यारा है
हमें हमारा मजहब प्यारा है
तुम्हे कब्र पर चादर चढाना प्यारा है
हमें हमारी देवियों को चुनरी ओढाना प्यारा है
तुम्हे लाशों को दफनाना प्यारा है
हमें लाशों को राख बनाना प्यारा है
तुम्हे तुम्हारा अल्लाह प्यारा है
हमें हमारा मालिक प्यारा है
तुम्हे तुम्हारा मजहब प्यारा है
हमें हमारा मजहब प्यारा है
तुम चाहो तो हमारे मंदिर में आकर नमाज पढो
तुम्हे किसने रोका है
हम भी तो मस्जिद में जाकर पुजा करना चाहते हैं
तो हमें क्यों रोका है?
तुम चाहो तो हाथ जोड़कर प्रणाम करो
तुम्हे किसने रोका है
हम भी तो हाथ फैलाकर दुआ मांगना चाहते हैं
तो हमें धर्म परिवर्तन के लिए क्यों टोका है?
तुम्हे तुम्हारा मजहब प्यारा है
हमें हमारा मजहब प्यारा है
तुम्हे तुम्हारे मजहब का इज्जत प्यारा है
हमें हमारे मजहब का इज्ज़त प्यारा है
क्यों न तुम और हम, दोनों मिलकर एक दूजे के मजहब का मान करे,
क्यो न ऐसा हो
तुम्हे हमारे मजहब का इज्ज़त प्यारा हो
हमें तुम्हारे मजहब का इज्ज़त प्यारा हो
©कलम की दुनिया
#मजहब