खुशमिजाज थे हम भी कभी इक हादसे में,
खुशियां हो गई खफा हमसे,,
करते रहे हम सदा गैरो की फिकर ~ जनाब,
इसी चक्कर में जिंदगी हो गई बेवफा हमसे,
©Sarfaraj idrishi
खुशमिजाज थे हम भी कभी इक हादसे में, खुशियां हो गई खफा हमसे,, करते रहे हम सदा गैरो की फिकर ~ गालिब~, इसी चक्कर में जिंदगी हो गई बेवफा हमसे,@–Varsha Shukla बाबा ब्राऊनबियर्ड @Sethi Ji @Suraj Maurya @Anshu writer