इंतजार-ए-गम में ही तो,कट रही है जिंदगी।। ना जाने क | हिंदी Shayari

"इंतजार-ए-गम में ही तो,कट रही है जिंदगी।। ना जाने कितने हिस्सों में,बंट रही है जिंदगी।। जरा मिलने की तरकीब, जल्दी निकालिए।। हर सांस के साथ दोस्तो,घट रही है जिंदगी।। ✍️ Ombir Kajal ✍️ ©Ombir Kajal"

 इंतजार-ए-गम में ही तो,कट रही है जिंदगी।।
ना जाने कितने हिस्सों में,बंट रही है जिंदगी।।
जरा मिलने की तरकीब, जल्दी निकालिए।।
हर सांस के साथ दोस्तो,घट रही है जिंदगी।।
✍️ Ombir Kajal ✍️

©Ombir Kajal

इंतजार-ए-गम में ही तो,कट रही है जिंदगी।। ना जाने कितने हिस्सों में,बंट रही है जिंदगी।। जरा मिलने की तरकीब, जल्दी निकालिए।। हर सांस के साथ दोस्तो,घट रही है जिंदगी।। ✍️ Ombir Kajal ✍️ ©Ombir Kajal

मिलने की तरकीब

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