चाँद है तारे हैं जुगनू ढेर सारे हैं सुरमयी शाम है | हिंदी कविता Video

"चाँद है तारे हैं जुगनू ढेर सारे हैं सुरमयी शाम है नदी है नदी के किनारे हैं कल और आज में बस फ़र्क़ इतना है अब न तुम हमारे हो न हम तुम्हारे हैं तुम उस किनारे हो हम इस किनारे हैं. ©malay_28 "

चाँद है तारे हैं जुगनू ढेर सारे हैं सुरमयी शाम है नदी है नदी के किनारे हैं कल और आज में बस फ़र्क़ इतना है अब न तुम हमारे हो न हम तुम्हारे हैं तुम उस किनारे हो हम इस किनारे हैं. ©malay_28

#कल और आज

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