White ग़ज़ल :-
प्यार की हमको निशानी दे गया ।
इस तरह की ज़िन्दगानी दे गया ।।
कुछ तो था जो वो जवानी दे गया ।
प्रीत को अपनी कहानी दे गया ।।
कल हँसाया उसने तो था प्यार से ।
आज आखों में जो पानी दे गया ।।
ले गया जिसको उठाकर गोद से ।
देख वो बेटी सयानी दे गया ।।
फिर नहीं धोखा मिले वो इसलिए ।
यार मेरा सुरमेदानी दे गया ।।
उम्र आते ही जब सँभलने वो लगा ।
शाम फिर मुझको सुहानी दे गया ।।
है गुमां किस बात का अब आजकल ।
चीज़ वह सारी पुरानी दे गया ।।
प्यार मे तुम भी बने पागल रहो ।
सोचकर शायद ये बानी दे गया ।।
यूँ हँसो मत अब प्रखर सोचो ज़रा ।
क्यों तुम्हें वो अपनी रानी दे गया ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :-
प्यार की हमको निशानी दे गया ।
इस तरह की ज़िन्दगानी दे गया ।।